मेरी कविताएँ
Tuesday, August 24, 2010
गौरैये का गुस्सा
आइने से क्यों बढ़ गई है
डाह गौरैये की
जो मारने लगी है चोंच
गुस्सा है शायद
कि क्यों दिखाता है उसे
उसका असली चेहरा
करे कुछ वैसा
दिखे जिससे वही
चाहती दिखना औरों को
मनुष्यों की तरह।
(11.12.96)
1 comment:
KUMAR
August 25, 2010 at 7:35 AM
mindblowing..!!
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mindblowing..!!
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