मेरी कविताएँ
Sunday, August 15, 2010
पत्नी
पहली बार जाना
कि तू एक औरत है
पत्नी है
और
मां है
तेरे स्पर्श से
जाना मैंने
कि मरु की मरीचिका
या बहकती लू में
ठंडे पानी के सोते से
कहीं ज्यादा सुखद है
तेरी लंबी
पतली होती परछाई। (12.12.91)
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