Thursday, October 21, 2010

दो ही तो वर्ग हैं

ठीक ही कहते हैं अशोक जी

दो ही तो वर्ग हैं

आदमी के

इस भरी – पूरी दुनिया में

एक है सुविधाभोगी

और दूसरा है भुक्तभोगी

बताइए कि

किस वर्ग में

शामिल हैं आप

पूछता है -

हमारे कसबे का कवि

(21 .10. 2010)

6 comments:

  1. भुग्तभोगी सुविधाभोगी होने की फिराक में....

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  2. अरे भाई…यह अशोक जी के पीछे क्यूं पड़े हैं…डाक्साब ने जो कहा सही कहा…बाकी अंदाज आप लगाईये

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  3. कहाँ मार्क्स चचा को पकडे बैठे हैं .........
    सुविधाभोगी तो अपने चचा भी होना चाहते हैं .....
    लेंकिन क्या करें वो कीमत नहीं चुकाना चाहते तो भाई .....

    http://nithallekimazlis.blogspot.com/

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  4. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए आपका आभार. आपका ब्लॉग दिनोदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो, आपकी लेखन विधा प्रशंसनीय है. आप हमारे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "अनुसरण कर्ता" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
    माफियाओं के चंगुल में ब्लागिंग

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